मोबाइल की जिद ने छीन ली दो छात्रों की जिंदगी, 7वीं और 12वीं के छात्र ने उठाया आत्मघाती कदम
RUDRAPRAYAG /BAGESHWAR: मोबाइल फोन की जिद बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। उत्तराखंड के बागेश्वर में सातवीं के एक छात्र ने मोबाइल न मिलने पर अपनी जिंदगी खत्म कर दी, वहीं रुद्रप्रयाग में भी 12 वीं के एक छात्र ने स्कूल टीचर द्वारा फोन इस्तेमाल करने से रोकने पर जंगल में पेड़ से लटककर जान दे दी।
बागेश्वर के लेखनी गांव में सातवीं कक्षा के 13 वर्षीय मनीष पुत्र केवलानंद अपनी मां से फोन देखने की जिद कर रहा था। लेकिन मां ने उसे मना कर दिया। इतनी सी बात पर नाराज होकर मनीष ने खौफनाक कदम उठा लिया। बताया जा रहा है कि मां के डाटने पर मनीष अपने कमरे में चला गया। काफी देर तक वो बाहर नहीं आया तो परिजनों ने उसे बुलाया लेकिन वो फिर भी नहीं आया। खिड़की से देखा तो मनीष रस्सी का फंदा बनाकर उस पर लटका हुआ था। आनन-फानन में परिजनों ने रस्सी काटी और उसे सीएचसी बैजनाथ ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद से परिजनों में कोहराम इस घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मच गया है।
उधर रुद्रप्रयाग के जखोली विकासखंड के कुरछोला का युवा प्रवेंद्र राजकीय इंटर कॉलेज सिद्धसौड़ में 12 वीं का कक्षा में अध्यन्नरत था। प्रवेंद्र अन्य बच्चों की तरह क्लास में मोबाइल लेकर गया। अध्यापक ने 5 छात्रों के फोन छीन दिए और कहा कि ये फोन केवल उनके अभिभावको को ही दिए जाएंगे।
लेकिन मोबाइल न मिलने से प्रवेंद्र सिंह गुस्से में आ गया और अपनी टीसी मांगने लगा। स्कूल में आधा दिन बिताने के बाद प्रवेंद्र घर आ गया। उसी दिन खाना खाने के बाद प्रवेंद्र घर से लापता हो गया। घर वालों ने बहुत खोज की लेकिन पता नहीं चल सका। 4 दिन बाद जखोली के सवांरी जंगल में प्रवेंद्र सिंह का शव पेड़ से लटका हुआ मिला। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद उसका शव नीचे उतारा गया। माना जा रहा है कि फोन न मिलने के कारण प्रवेंद्र ने ऐसा आत्मघाती कदम उठाया है।