CM धामी के निर्देश, आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जगहों पर निर्माण कार्यों पर लगे रोक, धराली में 94 परिवारों को पहुंची राहत राशि

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DEHRADUN/ UTTARKASHI:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च अधिकारियों को  राज्य में आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा को लेकर अहम निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, हिमस्खलन तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों को तत्काल चिन्हित किया जाए, ताकि संभावित खतरे से पहले ही सतर्कता बरती जा सके। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन चिन्हित संवेदनशील स्थलों पर किसी भी प्रकार की नई बसावट या नए निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्राकृतिक जल स्रोतों और नदियों और नालों के किनारों पर किसी भी प्रकार का सरकारी या निजी निर्माण कार्य प्रतिबंधित रहेगा। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं तथा इनके क्रियान्वयन की नियमित निगरानी की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से बचाव के लिए रोकथाम के उपायों को प्राथमिकता दी जाए और संवेदनशील क्षेत्रों में जनहित को ध्यान में रखते हुए ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए जाएं।

धराली में प्रभावितों को राहत राशि के चेक वितरित

धराली में आपदा प्रभावित 98 परिवारों को पाँच-पाँच लाख रुपये की आर्थिक सहायता के चेक प्रदान किए गए। गंगोत्री विधायक सुरेश सिंह चौहान ने राज्य सरकार की ओर से दी गई राशि प्रदान की।

5 अगस्त को उत्तरकाशी एवं पौड़ी जनपदों में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने व्यापक तबाही मचाई थी। कई स्थानों पर भारी बारिश,  भूस्खलन और मलबे के प्रवाह से घर पूरी तरह नष्ट हो गए, बुनियादी ढाँचा क्षतिग्रस्त हुआ और प्रभावित परिवारों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने प्रभावित परिवारों को पाँच-पाँच लाख रुपये की तत्कालिक सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की थी।इसी घोषणा के तहत आज धराली में 98 परिवारों को राहत राशि के चेक वितरित किए गए। इस सहायता का उद्देश्य पीड़ित परिवारों को पुनर्वास की दिशा में प्रारंभिक सहारा देना है ताकि वे आपदा के बाद के कठिन दौर में अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह सहायता राहत प्रक्रिया का प्रारंभिक चरण है। भवनों, आवासों, होमस्टे, पशुधन और बागानों को हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो सात दिनों के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर एक व्यापक राहत एवं पुनर्वास पैकेज तैयार किया जाएगा, जिससे प्रभावितों को दीर्घकालिक सहयोग मिल सके।

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