कॉल सेंटर की नौकरी के झांसे में फंसी उत्तराखंड की 9 महिलाएं म्यांमार में बंधक, परिजनों ने कहा उनके साथ हुई ज्यादती

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DEHRADUN:  थाईलैंड में फर्जी कॉल सेंटरों की नौकरी के झांसे में भारत के युवाओं को फंसाने का सिलसिला जारी है। उत्तराखंड के रहने वाले 15 लोग थाईलैंड में नौकरी करने गए और अगवा कर लिए गए। इस घटना को 2 महीने हो चुके हैं और अभी तक उनका पता नहीं चला है। इसी बीच 9 और महिलाओं को अगवा कर लिया गया है, जो उत्तराखंड की ही निवासी हैं। जानकारी के अनुसार अगवा किए गए लोगों को पहले तो रेस्टोरेंट और अन्य छोटी नौकरियों का लालच देकर थाईलैंड ले जाया गया। फिर वहां से बंदूक की नोंक पर म्यांमार ले जाया गया। और वहां कॉल सेंटर में फर्जीवाड़ा किए जाने को मजबूर किया गया।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक थाईलैंड से अपहृत उत्तराखंड के 15 से अधिक पुरुषों को छुड़ाने के प्रयासों के बीच अब राज्य की कम से कम 9 महिलाओं को भी उसी तरीके से अगवा किया गया है। ये सभी महिलाएं पिछले महीने अपहृत 11 भारतीय महिलाओं में से हैं। उत्तराखंड के इन अपहृत लोगों को चीनी ऑपरेटर्स ने म्यांमार में ‘स्कैम कॉल सेंटर’ में काम करने के लिए मजबूर किया था। नौकरी पर रखे गए लोगों के परिवारों से विशेष रूप से पता चला है कि उन्हें लुभावनी नौकरियों का झांसा देकर थाईलैंड ले जाया गया था। थाईलैंड से महिलाओं को अगवा कर उन्हें जबरन साइबर क्राइम सेंटर में काम करने के लिए म्यांमार के म्यावड्डी ले जाया गया था। यह घटनाक्रम तब प्रकाश में आया, जब म्यांमार में भारतीय दूतावास की तरफ से कुछ दिनों पहले ऐसे ही एक सेंटर से 11 भारतीयों की रिहाई के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी दी गई।

इस मामले पर उत्तराखंड के गृह सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि म्यांमार में बंधक बनाए गए युवाओं के बारे में विदेश मंत्रालय को अवगत करा दिया है। जहां तक 9 महिलाओं का सवाल है, विभाग उनके बारे में जानकारी जुटा रहा है। हम उन्हें जल्द से जल्द छुड़ाने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं।

बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों का कहना है कि अपहरणकर्ताओं द्वारा महिलाओं को अन्य अपहृत लोगों के सामने निर्वस्त्र कर पीटने सहित कई प्रकार की क्रूर यातनाएं दी जा रही हैं। वहां मौजूद हमारे बच्चों ने भी इसे देखा और कहा कि यातना के दौरान उनकी चीखें सुनकर उनकी शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है। अपहरणकर्ता लगातार धमकी दे रहे थे कि महिलाओं को देह व्यापार में धकेल दिया जाएगा। सरकार को म्यांमार और लाओस और कंबोडिया जैसे अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में ऐसे केंद्रों में बंद सभी भारतीयों को मुक्त कराने के लिए अपने प्रयासों को तेज करना चाहिए , क्योंकि अपहरणकर्ताओं ने कुछ दिनों पहले एक बांग्लादेशी नागरिक सहित कुछ अपहरणकर्ताओं की हत्या कर दी है।

 

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