टिहरी डैम में उत्तराखंड को मिले वाजिब हक, सीएम पुष्कर ने उठाई THDC में 25% इक्विटी की मांग

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Uttarakhand: क्या उत्तराखंड को टिहरी डैम का वाजिब हक मिल पाएगा? क्या टिहरी डैम का जो लाभांश उत्तर प्रदेश सरकार ले रही है, उसे उत्तराखंड को दिया जाएगा? क्या डैम की बिजली में उत्तराखंड की हिस्सेदारी बढ़ पाएगी? इन सारे सवालों का जवाब ढूंढने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहल शुरू कर दी है। (Uttarakhand seeks 25% equity shares in THDC Tehri Dam project) पिछले दिनों दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान सीएम नेये मामला उठाया औऱ मांग की कि, टीएचडीसी में जो 25 फीसदी शेयर उत्तर प्रदेश सरकार के हैं, उन्हें उत्तराखंड को ट्रांसफर कर दिया जाए। यदि ऐसा हुआ तो उत्तराखंड को कई फायदे मिलेंगे।

दरअसल जब टिहरी डैम बन रहा था तो टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड नाम से संयुक्त उपक्रम गठित किया गया। इसमें केंद्र सरकार की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी व तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। लेकिन 2000 में राज्य का विभाजन हो गया और उत्तराखंड अलग राज्य बन गया। उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 की धारा 47 (3) के अनुसार उत्तराखंड की भूमि पर स्थित परिसंपत्तियों का हक उत्तराखंड को मिलना चाहिए। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पा रहा है। टीएचडीसी का 25 प्रतिशत शेयर का लाभांश यूपी सरकार ले रही है।

सीएम धामी ने पीएम मोदी से अपील की कि, उत्तर प्रदेश द्वारा विभाजन की तिथि तक टीएचडीसी में किये गये पूंजीगत निवेश के आधार पर उत्तराखंड राज्य को हस्तांतरित होना चाहिए क्योंकि टीएचडीसी का मुख्यालय उत्तराखंड राज्य में स्थित है। टीएचडीसी की लगभग 70 प्रतिशत परियोजनाऐं उत्तराखंड राज्य में ही स्थित है। उक्त परियोजनाओं से उत्पन्न होने वाली पुनर्वास, कानून व्यवस्था तथा अन्य सामाजिक एवं पर्यावरण सम्बन्धी चुनौतियों का सामना भी उत्तराखंड को करना पड़ता है। इसलिए ये हिस्सेदारी उत्तराखंड को मिलनी चाहिए।

कोर्ट में मामला

उत्तराखंड सरकार ने 2012 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद-131 के अन्तर्गत टीएचडीसी इण्डिया लि० में उत्तर प्रदेश के स्थान पर उत्तराखंड राज्य की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी हेतु मूल वाद संख्या 05 / 2012 सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। ये मामला अभी विचाराधीन है।

हरदा ने की तारीफ

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की इस पहल की पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी तारीफ की है। हरीश रावत ने लिखा है, राज्य के माननीय मुख्यमंत्री ने दिल्ली में माननीय प्रधानमंत्री जी के सम्मुख और अन्य मंत्रीगणों के सम्मुख भी राज्य के हित के कुछ गंभीर प्रश्नों को उठाया है, उनमें दो प्रश्नों पर हम सबकी सद्भावनाएं भी उनके साथ हैं। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री जी के सम्मुख रखी है कि हमको हमारा हक़ मिल जाय, टिहरी डैम क्योंकि हमारी धरती पर बना है और यदि अविभाजित उत्तर प्रदेश का रूपया लगा है तो उसका अर्थ यह नहीं है कि अविभाजित उत्तर प्रदेश अनंत काल तक जो 25 प्रतिशत शेयर है टिहरी डैम में उनका वो उनको ही मिलता रहे, यह कानूनन अब उत्तराखंड को मिलना चाहिए।

हालांकि हरदा ने शंका जताई है तकि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ परिसंपत्ति विवाद के दौरान सीएम धामी वचन दे चुके हैं कि कोर्ट में दायर सारे वाद वापस लिए जाएंगे। ऐसे में अगर उत्तराखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट में दायर वाद वापस लेती है तो टिहरी डैम की 25 फीसद हिस्सेदारी मिलने का केस कमजोर होगा।

 

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