कोलकाता की महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने सड़कों पर उतरे उत्तराखंड के डॉक्टर, पहाड़ से मैदान तक किया कार्य बहिष्कार

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DEHRADUN: कोलकाता में रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ  हुए जघन्य दुष्कर्म व हत्याकांड के विरोध में उत्तराखंड के डॉक्टरों ने शनिवार को हल्ला बोला। पहाड़ से मैदान तक सभी जिलों में डॉक्टरों ने 24 घंटे तक कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। इसके चलते सभी अस्पतालों में ओपीडी की सेवाएं ठप हैं। हालांकि इमरजेंसी, पोस्टमार्टम व वीआईपी ड्यूटी के लिए डॉक्टरों की सेवाएं यथावत हैं।

प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज वर्मा ने कहा कि कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या का डॉक्टरों ने कड़ा विरोध किया है। डॉक्टरों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक 24 घंटे का कार्य बहिष्कार रहेगा। इस दौरान डॉक्टर कोई ओपीडी या सर्जरी अटेंड नहीं करेंगे। हालांकि इमरजेंसी सेवाओं पर इसका असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने सरकार को अवगत कराया कि प्रदेश के जिला, उप जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ चौबीस घंटे सेवाएं देते हैं। लेकिन, रात्रि ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर और नर्सों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय नहीं है। अस्पतालों में ड्यूटी रूम तक नहीं है।

हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, श्रीनगर, टिहरी, चमोली, हरिद्वार, देहरादून में सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टर सड़क पर उतरे और जुलूस निकाला। आक्रोश रैली में डॉक्टरों ने कोलकाता की महिला डॉक्टर से बर्बरता करने वालों को फांसी की सजा देने की मांग की। डॉक्टरों का कहना है कि सरकारों को गंभीरता दिखाते हुए दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।   कोलकाता में जिस तरह से महिला डॉक्टर की हत्या हुई, वैसी घटनाएं कहीं भी हो सकती है। अक्सर डॉक्टरों के साथ अस्पतालों में मारपीट की घटनाएं होती हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत व ठोस कानून बनाना चाहिए।

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