कमांडर ने किया शहीद संजय बिष्ट के शौर्य को नमन, शहादत से 4 दिन पहले कहा था, कुछ बड़ा करूंगा, वीरता का तमगा भी मिला था

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NAINITAL:  राजौरी में बुधवार को आतंकियो के साथ मुठभेड़ में सेना के पांच जवान शहीद हो गए। इनमें से एक नैनीताल जिले के रहने वाले लांसनायक संजय बिष्ट भी थे। लेकिन शहादत से पहले संजय बिष्ट ने अपने कमांडर से वादा किया था कि वो कुछ बड़ा करके दिखाएंगे। लेकिन होनी को कुछ औऱ ही मंजूर था और अब तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर आया है।

दरअसल राजोरी में आतंकियों से मुठभेड़ खत्म होने के बाद पांच शहीदों के पार्थिव शरीर आज उनके घरों को भेजे जा रहे हैं। यहां वीर जवानों को शहादत देते हुए नॉर्दन कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी संजय बिष्ट का जिक्र करते हुए उन्हें सलाम किया। ले. ज. द्विवेदी ने बताया कि 9 पैराएसएफ में तैनात कमांडो संजय बिष्ट को उन्होंने 18 नवंबर को वीरता का तमगा लगाया था। इस दौरान संजय बिष्ट से पूछा कि आगे क्या करना चाहते हैं। इस पर वीर संजय बिष्ट का जवाब था कि सर 7 दिन के भीतर मैं कुछ बड़ा करके आपको दिखाऊंगा।

लेकिन किस्तम देखिए, आतंकियों को खत्म करने के लिए संजय बिष्ट ने अपना सबकुछ झोंक दिया और 22 नवंबर को मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। संजय की शहादत से नैनीताल में शोक की लहर है। संजय 2012 में सेना में भर्ती हुए थे। संजय 15 दिन पहले ही छुट्टी बिताकर वापस ड्यूटी पर लौटे थे। लेकिन इसी दौरान उनकी टुकड़ी को आतंकियों के खात्मे के लिए तैनात कर दिया गया। संजय के परिवार में पिता दीवान सिंह बिष्ट, माँ मंजू बिष्ट, बहन ममता बिष्ट, विनीत बिष्ट हैं

जांबाज संजय बिष्ट की वीरता और बलिदान को कोटि कोटि नमन।

 

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