चीन सीमा से सटे जादुंग गांव में फिर लौटेगी बहार, वाइब्रेंट विलेज में शुरू होगा होमस्टे का कारोबार

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DEHRADUN/UTTARKASHI: उत्तरकाशी में चीन सीमा सटे जादुंग गांव पर खास रणनीतिक महत्व है।1962 के चीन युद्ध में यहां सेना ने अपना डेरा जमाया था जिसके बाद गांव खाली कराया गया था। जादुंग गांव को वाइब्रेंट विलेज घोषित किया गया है। अब राज्य सरकार इस गांव को फिर से आबाद करेगी। इसके लिए कैबिनेट में महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। जादुंग गांव के मूल निवासी अब अपनी जमीन पर होम स्टे का निर्माण कर सकेंगे, होमस्टे बनाने के लिए सौ फीसदी सब्सिडी दी जाएगी

चीन युद्ध में अहम था जादुंग गांव

1962 के भारत चीन युद्ध में भारतीय सेना और आईटीबीपी ने मोर्चा संभालते हुए जादुंग गांव को अपना ठिकाना बनाया था। तब सुरक्षा कारणों से यहां से स्थानीय लोगों हटाया गया था। हालांकि उस क्षेत्र की जमीनें आज भी स्थानीय लोगों के नाम पर ही हैं। लंबे समय से स्थानीय लोग सरकार से इन क्षेत्रों में लौटने को लेकर मांग कर रहे थे। यहां आवास और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि गतिविधियां भी शुरू करने की मंजूरी मांगी गई थी। इस पर कैबिनेट ने बुधवार को पर्यटन गतिविधियां शुरू करने की मंजूरी दे दी। जादुंग गांव के भवन खंडहर में तब्दील हो चुके हैं, लेकिन अब सरकार की इस गांव को दोबारा बसाने की योजना है। इसके लिए गांव में होमस्टे तैयार किए जाएंगे। होम स्टे बनने के बाद पर्यटक और ग्रामीण इस क्षेत्र में घूम और रह सकेंगे। इस क्षेत्र के लोगों की आजीविका भी संवर सकेगी

बता दें कि 2018 के नवंबर में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर्षिल आए तो उन्होंने भारत चीन सीमा सहित नेलांग व जादूंग का हवाई सर्वेक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने हर्षिल में ग्रामीणों से मुलाकात की थी। जहां पर उन्होंने ग्रामीणों की पुन: घर वापसी की बात कही थी। अब यह सपना साकार होने जा रहा है।

 

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