दृष्टिबाधित संस्थान के संचालक श्याम धानक ने दूसरी बच्चियों का भी किया शोषण, दूसरी पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान

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HALDWANI:  नैनीताल के दृष्टिबाधित संस्थान में यौन शोषण के मामले में आरोपी श्याम धानक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पुलिस की पूछताछ में दूसरी पीड़िता ने भी दृष्टिबाधित संस्थान के महासचिव श्याम धानक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि धनक उसके साथ अश्लील हरकतें करता था। इसकी जानकारी किसी को न देने के लिए धमकाता भी था। पुलिस जल्द ही तीसरी पीड़िता के बयान दर्ज करेगी।

इस केस की मुख्य पीड़िता ने पुलिस को भेजे पत्र में दो अन्य पीड़िताओं के नाम भी लिखे थे। पुलिस इन पीड़िताओं से बात करने का प्रयास कर रही थी लेकिन इनके परिवार वाले जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार पुलिस टीम बुधवार को एक पीड़िता के घर पहुंची और परिजनों को पूछताछ में सहयोग करने के लिए मना लिया। इसके बाद पीड़िता के बयान दर्ज किए। पीड़िता ने बताया कि धानक उसके साथ अश्लील हरकतें करता था। पीड़िता ने पुलिस को कई बातें बताई।

ये है पूरा मामला

गौरतलब है कि दृष्टिबाधित बच्चों के लिए गौलापार में नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (नैब) संस्था संचालित की जाती है। नैब संस्थान में अधिकतर बच्चे मूकबधिर और दृष्टिबाधित हैं। वर्तमान में 113 छात्र-छात्राएं इस संस्थान में पढ़ाई कर रहे हैं। सभी बच्चे नाबालिग हैं। संस्थान की कुछ नाबालिग छात्राओं ने 60 साल के संचालक और महासचिव श्याम धानक पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। मामले में छात्रा से शिकायती पत्र मिलने के बाद पुलिस इस मामले की पिछले डेढ़ महीने से जांच कर रही थी। जांच के बाद पुख्ता सबूत मिलने के बाद पुलिस ने शुक्रवार रात संस्था के संचालक श्याम धानक को गिरफ्तार कर लिया था। हल्द्वानी दमुवाढूंगा बंदोबस्ती निवासी श्याम धानक पिछले लंबे समय से मूकबधिर और दृष्टिबाधित बच्चों की आवासीय संस्था का संचालन कर रहा था। बीते जुलाई माह में संस्थान की छात्रा ने उस पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इतना ही अन्य छात्राओं के साथ भी संचालक द्वारा यौन शोषण की कोशिश की गई। फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376, 504, 354 और पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

जांच में पता चला है कि संचालक श्याम धानक ने बच्चों को इस बात के लिए किसी को न बताने को कहा था। यौन शोषण का विरोध करने पर मासूमों के साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें खाना भी नहीं दिया जाता था। पीड़िता ने पुलिस को भेजे पत्र में दो पीड़िताओं के नाम भी लिखे थे।

कर्मचारियों का वेतन तक नहीं दिया

संस्था को लाखों रुपये का चंदा मिलता था। विदेशों से भी पैसा आता था। इसके बाद भी संस्था में कार्यरत कर्मचारियों को आठ महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। संस्था के अध्यक्ष ने कहा कि दिवाली से पहले सभी कर्मचारियों का भुगतान कर दिया जाएगा।

डीएम की ओर से बनी जांच समिति ने बुधवार को डीएम को ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से रिपोर्ट भेज दी है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में एक महिला कर्मी ने बताया है कि उन्हें छात्राओं ने छेड़छाड़ की सूचना दी थी। इस मामले में धानक को बताया गया था लेकिन धानक ने उसे ही डांट दिया। ऐसी बात दूसरों को न बताने की चेतावनी भी दी। जांच रिपोर्ट के बाद अब देखना होगा प्रशासन अब क्या कार्रवाई करता है।

 

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